तीन घण्टे चूल्हा, जला, समझ बराबर वेट ।
पति-पत्नि समान हुए, पी दो सौ सिगरेट।
शब्दार्थ:- वेट = भार, पी = पीना
भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते है कि एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह सिद्ध हुआ कि लकड़ी के चूल्हे पर रसोई पकाते समय हम स्वांस के माध्यम से जो कण निगलते हैं वे विश्व स्वास्थ्य संगठन से निरापद समझी जाने वाली मात्रा से 40 गुणा अधिक है। इसी बात को हम यूं भी कह सकते हैं कि चुल्हा फूंकते समय तीन घण्टों के भीतर डाले 20 पेकेट्स यानि कि 20 ग 10 = 200 सिगरेट पीने के बराबर होती है। इस प्रकार यदि पतिदेव प्रतिदिन 20 पैकेट सिगरेट पीते हैं और पत्नी 3 घण्टे चूल्हा फूंकती हैं तो स्वास्थ्य हानि की दृष्टि से दोनों बराबर हैं ।