चूल्हा फूंके जो बहू, लडक़ी मेडम होय।
कार्बनकण जा स्वांस से, कैंसर रोगी होय।।
शब्दार्थ:- चूल्हा फूंके = लकड़ी के चूल्हे पर भोजन बनाना कैंसर = विष ग्रन्थि नामक रोग
भावार्थ:- जो गृहणियां लकड़ी द्वारा चूल्हे पर भोजन बनाती है किसी भी उम्र की लड़की मेडम, बुढिया कोई भी हो स्वास के माध्यम से धुॅए के कार्बन कण उसके शरीर में चले जाते हैं । लम्बे समय तक नियमित इसी प्रक्रिया के फलस्वरूप अधिकाषं औरतों में कैंसर नामक असाध्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर ऐसा रोग है, जिसका बचाव ही उपचार है। यदि यह रोग एक बार हो जाता है तो फिर पूर्ण स्वस्थ्य होना असंभव है।