Ganesh Vandna (गणेश वंदना ) - Paryavaran Par Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD01)




पूजलूँ लंबोदर को, गाऊ गीत गणेश
दोहे सब ऐसे रचो, झुमे देश-विदेश

शब्दार्थ :- नमन करे  = पूजा = अर्चना करना

भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज सबसे पहले लम्बोदर महाराज, विन्धविनासक गणपति जी के गीत गीते हुए प्रार्थना कर रहे हैं कि हे प्रभु ! आप हमारी लेखनी को लोकप्रियता प्रदान करें। मुझ पर गणपति महाराज की ऐसी अदर्ष्य अनुकम्पा होवे  कि इस पुस्तक का लेखन कार्य शीध्र ही पूर्ण हो जाए और यह देश-विदेश में सर्वत्र अपनी आभा विखरेती हुई पर्यावरण प्रेमियों को मार्ग-दर्शन प्रदान करें ।