चढ़ गया एच.आई.वी.का संक्रमित खून ।
10-15 सालों में होए खून का खून ।।
भावार्थ
अज्ञानतावश,भूलवश या किसी अन्य कारणवश किसी गम्भीर रोगी को एच.आई.वी. संक्रमित रवत चढ़ जाता है या रक्त परीक्षण तो किया गया किन्तु वह "विन्डो पीरियड' के कारण एच आई वी. नेगेटिव निकला,या किसी भी अन्य परिस्थितियों के अन्तर्गत यदि रोगी को एच.आई.वी. का संपमित खून चढ़ा दिया तो एक बार तो वह ठीक होकर हॉस्पीटल के शैयया से उठ जाएगा किन्तु धीरे-धीरे उसके शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति भीण हो जावेगी । यदि समय-समय पर स्वत्त परीक्षण करवा कर आवश्यक सावधानियां नहीं बरती तो 10-15 वर्षों के भीतर ही हॉस्पीटल में चढ़ाया गया सून ही उसके जून का खून कर देगा ।
4 लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ यह मानव शरीर व्यर्थ ही अकाल मृत्यु के मुंह में जाने के लिए विवश हो जाएगा ।
'वाणी' कविराज कहते है कि किसी भी रोगी को रक्त चढ़ाते समय चढ़ने वाले रक्त का पूर्ण प्रयोगशाला परीक्षण होना चाहिए एवं जहां तक संभव हो रोगी के परिजनों के रक्त्त को ही प्राथमिकता देनी चाहिए ।