Lo Upayog Mein Kapade Gusalakhana- लो उपयोग में कपड़े गुसलखाना #Aids_Pe_Nare @Kavi Amrit 'Wani(AD17)


रोगी संग उठो-बैठो खाओ खूब खाना । लो उपयोग में कपड़े गुसलखाना ।।

भावार्थ आपके घनिष्ठ मित्र सखा-सहेली या पारिवारिक सदस्यों में से किसी को भी यदि एड्स रोग हो जाता है तो उसके परिजनों का यह कर्तव्य होता है कि वे रोगी की तन-मन-धन से सेवा-सुश्रुषा करें । उनके मन में एक संशय यह अवश्य उत्पन्न हो सकता है कि कहीं ऐसा न हो कि यह रोग हमें भी हो जाए । 'वाणी' कविराज कहते हैं कि हे सज्जनो! एड्स रोग किसी भी एड्स शासित रोगी के साथ खाना खाने, साथ उठने-बैठने, रहने, घुमने से उसके कपड़े,बाथरूप इत्यादि का कितना ही उपयोग करें, यह रोग नहीं फैलता है । ऐसी अतिआवश्यक जानकारियां जिनके अभाव में नित्य नए संशय उत्पन्न होते हैं । उन नवीन जानकारियों को प्राप्त करते हुए हमें अपने मित्रों को लाभान्वित करने चाहिए ।