घूसा एच.आई.वी. का एक कतरा ।
कई मित्रों को होगा भारी खतरा ।।
भावार्थ
किसी कारणवश यदि आपके शरीर में एच.आई.वी. का एक भी विषाणु प्रविष्ट हो गया तो धीर-धीरे वह लाखों-करोड़ों की संख्या में अपने हमशक्ल राक्षस तैयार करलेगा । यदि लम्बे समय तक किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी आपको नहीं हुई तो किसी प्रकार के आपके मेडिकल टेस्ट भी नहीं होंगे । इस दौरान जिन-जिन से भी आपके यौन सम्बन्ध स्थापित हुए उनके एच.आई.ची. से संक्रमित होने की सम्भावना रहेगी ।
इस प्रकार एक एच.आई.वी. का रोगी जाने-अनजाने में अपने कई मित्रों के जीवन को खतरे में डाल सकता है ।
'वाणी' कविराज कहना चाहते हैं कि बुद्धिजीवियों को चाहिए कि वेसमय-समय पर अपने शरीर की विभिन्न प्रकार की आवश्यक जाँचे चरवाते रहें ।