Aids Rog kisi ko hoy nahi - एड्स रोग किसी को होय नहीं #Aids_Pe_Nare @ Kavi Amrit 'Wani (AD03)


एड्स रोग किसी को होय नहीं । दुनियां में इसका उपचार नहीं ।।


भावार्थ
मानव शरीर में कई बार कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो बिना किसी विशेष कारणों के आ जाती और दो-पांच दिनों में विना दवाओं के ही चली जाती है । एड्स एक ऐसा रोग है जो वैसे तो मौसमी बीमारियों की तरह रस्ते चलते हर किसी को होता नहीं, किन्तु यदि एक बार यह महारोग किसी को पकड़ लेता है तो फिर उसको प्राण लेकर ही छोड़ता, क्योंकि आज तक इस रोग का कोई टीका नहीं बन पाया और न ही इस पर पूर्णतया विजय पाने वाली औषधियां बन पाई हैं । 'वाणी' कविराज कहना चाहते हैं कि ईश्वर और प्रकृति तो आपकी मदद करेंगे ही किन्तु इससे पहले आप स्वयं अपने जीवन को ऐसी उच्च नैतिकता के साथ सुचारू ढंग से व्यतीत करने का सुदृढ मानस बनाएं कि आपके जीवन में ऐसे अचानक जान लेवा रोगों की सम्भावनाएं पूर्णतः समाप्त हो जाए ।