Chand eids rogi huy kai laakh - चंद एड्स रोगी हुए कई लाख #Aids_Pe_Nare @ Kavi Amrit 'Wani (AD15)


चंद एड्स रोगी हुए कई लाख | सन 2002 तक संख्या 45 लाख ||

भावार्थ अधिकांश बीमारियां विभिन्न प्रकार के बैक्ट्रिया के द्वारा फैलती है । शरीर में किसी भी प्रकार से बेविट्या के प्रवेश कर लेने के बाद वे धीरे-धीरे लाखों की तादाद में स्वजाति रोगाणुओं की संख्या बढ़ा लेते हैं । यदि शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर है तो उस बैक्ट्रिया का प्रभाव ज्यादा एवं शीघ्र होगा । प्रथम प्रयास हमें यह करना चाहिए कि ऐसे विषाणु हमारे शरीर में प्रवेश ही नहीं कर पाएं । इंजेक्शन की सूई के द्वारा भी ये शरीर में प्रवेश कर सकते हैं । सूई को 20 मिनट तक उबलते पानी में रखते हुए रोगाणुओं को पूर्णतः नष्ट किया जा सकता है । नई डिस्पोजल सीरिज के वनिस्पत 20 मिनट तक उबली हुई |