एड्स ग्रसित माँ की लाचारी ।
बच्चे को मिलती वही बीमारी ।।
भावार्थ
प्रत्येक माता-पिता अपनी संतानों को बहुत कुछ विरासत में देकर जाते हैं यया खानदानी हूनर, जमीन-जायदाद धन-दौलत इत्यादि । एच.आई.वी.रोगाणुओं से ग्रसित गर्भवती माताओं की भी बड़ी विचित्र मजबूरिया होती हैं । प्रसव के दौरान जन्म लेने वाली सन्तान के रक्त में भी एच.आई.वी. के वहीं रोगाणु उपलब्ध होंगे जो उसकी माता के रक्त में थे । बच्चा माता के खून से ही परिपक्व होता है । एच.आई. ची. सक्रमित माँ का जन्मजात बच्चादी आयुभी नहीं हो पाता एवं जब तक जीवित रहता तब तकशारीरिक व मानसिक दृष्टि से कमजोर मी रहता है ।
'वाणी' कविराज कहते है कि यदि किसी माता को यह पता लग जाए फि वह एच.आई.वी से ग्रसित है तो बहुत अच्छा यह है कि ऐसी माताएं गर्भधारण ही न करें ।