जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ यात्रा करे, बैठे रथ के माय ।
जगन्नाथ बलराम जी, सुभद्रा बीच सुहाय ।।
सुभद्रा बीच सुहाय, काष्ठ रथ न्यारे-न्यारे ।
लगे हजारों हाथ, जयघोष प्यारे-प्यारे ।।
कह 'वाणी' कविराज, संत समागम का साथ ।
द्वैताद्वैत दिखाय, जाते रहो जगन्नाथ ।।