झांसी की रानी का पुण्य दिवस
रानी बिगुल बजा गई, शुरु आज़ादी जंग ।
लड़ी प्रथम वीरांगना, तांत्या-नाना संग ।।
तांत्या-नाना संग, बच्चा बांधा पीठ पे ।
नश्तर चुभता जाय, अंग्रेजों की दीठ में ।।
कह 'वाणी' कविराज, जागी लाखों जवानी ।
देश हुआ आज़ाद, अमर झांसी की रानी ।।
कवि अमृत ‘वाणी’