बात-बात की बात थी, कौन बड़ा कहलाय ।
दिखाने को महानता, शिव ज्योति रुप बनाय ।।
शिव ज्योति रुप बनाय, जाय ढूंढो आदि अंत ।
विधि हरि उड़-उड़ जाय, बुरे थके दोनों संत ।।
कह 'वाणी' कविराज, अन्नत आपकी बिसात ।
महिमा अपरंपार, हार गए हम यह बात ।।