मासिक कार्तिगाई 22 June



बात-बात की बात थी, कौन बड़ा कहलाय ।

दिखाने को महानता, शिव ज्योति रुप बनाय ।।

शिव ज्योति रुप बनाय, जाय ढूंढो आदि अंत ।

विधि हरि उड़-उड़ जाय, बुरे थके दोनों संत ।।

कह 'वाणी' कविराज, अन्नत आपकी बिसात ।

महिमा अपरंपार, हार गए हम यह बात ।।