विश्व सैर सपाटा दिवस (19 th June)
सैर सपाटा दिवस है, करो दूर की सैर ।
घर पर कह कर निकलना, कितनी लगती दैर ।।
कितनी लगती दैर, लगेगा कितना पैसा ।
कितने होय मुकाम, हम सफ़र होगा कैसा ।।
कह 'वाणी' कविराज , सोच समझ निकाल पैर ।
कभी न तू पछताय, करना जी ऐसी सैर ।।
कवि अमृत वाणी