गुप्त नव रात्रि (प्रथम दिवस)
काली पूजन कीजिए, प्रथम दिवस जब आय ।
श्वेत कमल के भेंट से, मंद-मंद मुस्काय ।।
मंद-मंद मुस्काय, करियो गुप्त साधना ।
योगी मूलाधार पे, पूरण चंद्र उपासना ।।
कह 'वाणी' कविराज, भजो भजन संग ताली ।
शैल सुता आशीष, संकट मिटावे काली ।।