विश्व शरणार्थी दिवस- 20 th June

 



पल-पल खतरे बढ़ रहेचलना सब कुछ छोड़ 

साथ लेय परिवार कोचलें मुल्क मुंह मोड़ ।।

चलें मुल्क मुंह मोड़न कोई लगते अपने 

चलो सुबह से शामफिर हो साकार सपने ।।

कह 'वाणीकविराजशरणदाता मिले सकल 

भाई जैसे मान,कला सिखलाई पल-पल ।।

कवि अमृत 'वाणी'