विश्व नेत्र दान दिवस - 10th June



चश्मे वाली आंख ने,  लाखों देखी आंख।
हंसते-हंसते जो मिले, बहुत बढाई साख ।।
बहुत बढाई साख, आठ दस नाती पोते ।
कर-कर अपना काम, रोज जोड़े श्रीपोते ।।
कह 'वाणी' कविराज, रह गए कई करिश्मे ।
करो नेत्र का  दान, नज़ारे बदले चश्मे ।।
कवि अमृत 'वाणी'