गुप्त नव रात्रि (प्रथम दिवस)
माला, श्वेताम्बर धरे, रहे कमंडल पास ।
जागृत कुंडलिनी करे, प्रिय भक्तों की खास ।।
प्रिय भक्तों की खास, तप संयम लक्ष्य दिलाय ।
शक्कर मिश्री दान, देवी मनोबल बढ़ाय ।।
कह 'वाणी' कविराज, दस दिशा ज्ञान उजाला ।
ब्रह्मचारिणी कहाय, जपते रहो जी माला ।।