विमान हादसा अहमदाबाद
12th June
पुर्जा-पुर्जा कामका, करता खुद पर नाज ।
पूछना इत्मिनान से, कैसा आज मिजाज ।।
कैसा आज मिजाज, पूछो उससे हर बार ।
बोल जिगर कुछ बोल, निभाना वही किरदार ।।
कह 'वाणी' कविराज, कल-कल करे कल-पुर्जा ।
तनिक करो न विलंब, तत्काल बदलो पुर्जा ।।
कवि अमृत वाणी