रूप चतुर्दशी


 उबटन से जब स्नान हो, आए रूप निखार  ।

देखनवाले दंग हों ,  करने कई करार  ।।

करने कई करार ,  कहे छोटी दीवाली  ।

पंच दिवस यह पर्व , आज वर दे दो  काली  ।।

कह 'वाणी'कविराज,  बढ़े आभा इस दिन से  ।

दिशा-दिशा में जाय , कर ले स्नान उबटन से  ।।