मोटरसाइकिल आविष्कार

 

मोटरसाइकिल आविष्कार

चलते-चलते थक गए, बाइक किया विचार  ।

कोई ऐसा यंत्र हो, बैठे जिस पर चार  ।।

बैठे जिस पर चार, फिर आनंद की बातें  ।

काका के ससुराल, चलेंगे कितनी रातें  ।

'वाणी' यंत्र बनाय, सुधारा करते-करते  ।

चलते जो दिन-रात, थक जाय चलते-चलते  ।।