पत्रकारों के विरुद्ध अपराधों के दंड मुक्ति समाप्त करने का दिवस


 पत्रकारों के विरुद्ध अपराधों के 

दंड मुक्ति समाप्त करने का दिवस

सच्ची-सच्ची बात को , लिखे जो पत्रकार  । 

पाठक पढ़के ध्यान से , करते तुरत विचार  ।।

करते तुरत विचार , पड़ोसी भ्रष्टाचारी  ।

बनाय अपनी गेंग ,  पीटने की तैयारी  ।।

'वाणी' ऐसा दंड , अपराधी की जात को  ।

लिखते जाएं रोज , सच्ची-सच्ची बात को  ।।