बार-बार देखें सभी , इतना प्यारा रूप ।
कोई कहता चांदनी , कोई कहता धूप ।।
कोई कहता धूप , करे सब नो-नो बातें ।
एक उपाय विवाह , चांदनी सी सब रातें ।।
कह ‘वाणी’ कविराज, दिल की सुनो पुकार ।
अपना है जब चाँद ,देय दर्शन बार-बार ।।
कोई कहता चांदनी , कोई कहता धूप ।।
कोई कहता धूप , करे सब नो-नो बातें ।
एक उपाय विवाह , चांदनी सी सब रातें ।।
कह ‘वाणी’ कविराज, दिल की सुनो पुकार ।
अपना है जब चाँद ,देय दर्शन बार-बार ।।