मालवांचल का महानगर, मायानगरी का अनुज,
अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपलब्धियों से सुसज्जित, अनन्त प्रगति पथ का अहर्निष
धावक, षील से विकासषील, सतरंगी सृजनधर्मिता का अतिसक्रिय स्थल, नैसर्गिंक
सौन्दर्य का अक्षय भण्डार, रेल- मार्ग का मकड़ जाल, कोटि-कोटि नयनों का
त्राटक बिन्दु, होल्कर षासक की योग्य उत्तराधिकारिणी सुषासिका देवी अहिल्या
की गौरव-गाथाओं से सतत् अनुगुंजित सदासुखद इन्दौर ।
कवि अमृत ‘वाणी’
कवि अमृत ‘वाणी’