पेज
Home
मुख्यपृष्ठ
About Us
Store
Contact Us
वंदे मातरम् मिल कर गाए
आओ
ऐसे
दीप
जलाए
|
अंतर
मन
का
तम
मिट
जा
ए
||
मन
निर्मल
ज्यूं
गंगा
माता
|
राम
भरत
ज्यूँ
सारे
भ्राता
||
रामायण
की
गाथा
गाए
|
भवसागर
से
तर
तर
जा
ए
||
चोरी
हिंसा
हम
दूर
भगाए
|
वंदे
मातरम्
मिल
कर
गाए
||
कवि अमृत 'वाणी'
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ