खुश रहे बहिनें , पल पल यही ख्याल आए |
आफ़त के वक़्त भाई बहन की ढ़ाल बन जाए ||
करता रह इस तरहां तू हिफाजत अपनी बहनों की |
कि हुमायूँ से भी बेहतर तेरी मिशाल बन जाए ||
आफ़त के वक़्त भाई बहन की ढ़ाल बन जाए ||
करता रह इस तरहां तू हिफाजत अपनी बहनों की |
कि हुमायूँ से भी बेहतर तेरी मिशाल बन जाए ||
कवि :-अमृत'वाणी'