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Rajasthani Kavita : Baran Bind
Shorya - 2015 , Mewar Itihas Ra Doha kavi amrit wani
संता पे किरपा करो
संता पे किरपा करो,
प्यारा पवन कुमार ।
साँसा सो बरसां चले ,
सुमिरे यो संसार ॥
कवि अमृत 'वाणी'
आओ ऐसे दीप जलाए............
आओ ऐसे दीप जलाए |
अंतर मन का तम मिट जाए ||
मन निर्मल ज्यूं गंगा माता |
राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता ||
रामायण की गाथा गाए |
भवसागर से तर तर जाए ||
चोरी हिंसा हम दूर भगाए |
वंदे मातरम् मिल कर गाए ||
कवि अमृत 'वाणी'
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